
बैकुंठ धाम मंदिर के पूर्वी गेट के बाहरी परिसर में लगे पूजन सामग्री दुकान में हजारों रुपए की चोरी
खुसरूपुर, (खौफ 24) प्रखंड के प्रसिद्ध गौरीशंकर बैकुंठ धाम मंदिर के पूर्वी गेट के बाहरी परिसर में लगे पूजन सामग्री फुटपाथी दुकान में हजारों रुपए की चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। यह घटना बीते रात्रि की है। दुकान मालिक का नाम कारण उपाध्या है कारण उपाध्याय पांडा टोला निवासी जनार्दन उपाध्याय के पुत्र हैं। बताया गया है कि कारण सोमवार को रात्रि में एक चौकी पर लगे अपने दुकान को बंद करके घर चला गया था। बीते रात्रि अज्ञात चोरों ने समान पर लगे तिरपाल एवम चिमचिमी को हटाकर प्रसाद, खिलौने, छोटे छोटे समान के साथ गल्ले में रखे टकरीवन चार हजार रूपए सहित गल्ला को ही ले भागा है। सुबह मंदिर में आए एक पुजारी ने इस घटना की सूचना कारण उपाध्याय को दिया। मौके लोगो की भीड़ एकत्रित थी। लोग कायश लगाने की कोशिश में जुंटे थे।
फिलहाल इसको लेकर स्थानीय पुलिस को सूचना नही दिया गया था। गौर तलब हो कि मंदिर के पूर्वी गेट पर ही सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। निसंदेह सीसीसीटीवी कैमरे में इस घटना का प्रमाण रिकॉर्ड हो चुकी होगी। पुलिस द्वारा छान बीन करने पर इस घटना की सच्चाई सामने आ सकती है। पीड़ित ने कहा कि आए दिन हम सभी के फुटपाथी दुकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है। इस तरह की घटना पर मंदिर प्रबंधन की ओर से कोई मुकम्बल तौर पर कदम नहीं उठाया जाता है। इस तरह की घटना को आया गया समझ कर छोड़ दिया जाता है। एक तरफ फुटपाथी दुकानदारों के बीच काफी परेशानी और असुरक्षा है। तो दुसरी ओर मंदिर प्रांगण में शिव भक्त भी असुरक्षित हैं।
हर हमेशा किसी न किसी यात्री की समान गायब हो जाने की खबरे प्रकाश में आती रहती है। मंगल बार को भी एक महिला पुजारी की साड़ी चोरी कर लिया गया। महिला मंदिर में दीप जलाने आया करती है। अस्नान के बाद वो अपनी साड़ी को सूखने के लिए मंदिर परिसर में रखी थी। सवाल यह है कि राज्य के प्रसिद्ध मंदिर में इस तरह की घटना बदस्तूर जारी रही तो शिव भक्त के बीच एक असुरक्षा का भावना पैदा हो जाएगी। दूसरी ओर इतने प्रसिद्ध मंदिर में हर हमेशा चोरी की घटनाएं होने से मंदिर प्रबंधन समिति पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक सवालिया निशान जरूर खड़ा होती है। जबकि मंदिर के कोने कोने पर सीसीसीटीबी कैमरे लगे है। मंदिर प्रांगण गर्व गृह में साम रात्रि तक पांडा पुजारी एवम आम शिव भक्तो का आना जाना लगा रहता है। अब देखना यह है कि इस तरह की घटनाओं पर मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से कब तक अंकुश लगाया जाता है।
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